The 5-Second Trick For naat lyrics in english translation
The 5-Second Trick For naat lyrics in english translation
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beautiful english naat lyrics
क्या बताऊँ कि क्या मदीना है बस मेरा मुद्द'आ मदीना है क्या बताऊँ कि क्या मदीना है उठ के जाऊँ कहाँ मदीने से क्या कोई दूसरा मदीना है क्या बताऊँ कि क्या मदीना है उस की आँखों का नूर तो देखो जिस का देखा हुवा मदीना है क्या बताऊँ कि क्या मदीना है दिल में अब कोई आरज़ू ही नहीं या मुहम्मद है या मदीना है क्या बताऊँ कि क्या मदीना है दुनिया वाले तो दर्द देते हैं ज़ख़्मी दिल की दवा मदीना है क्या बताऊँ कि क्या मदीना है दुनिया वाले तो दर्द देते हैं दर्द-ए-दिल की दवा मदीना है क्या बताऊँ कि क्या मदीना है मेरे आक़ा !
रुत्बा ये विलायत में क्या ग़ौस ने पाया है
आप की गर्द-ए-राह को, आक़ा ! चाँद-तारे सलाम कहते हैं
मैं तूफ़ान के दरमियां हूँ और आंधी चल रही है
ان نعتیں اردو زبان کے لئے ایک خوش اسلوب و ہموار ادائیگی کے ساتھ لکھی گئی ہیں۔
●दिलों की पीर मिटाने को ईद आई है। ईद शायरी इन हिंदी
या हुसैन इब्न-ए-'अली ! या हुसैन इब्न-ए-'अली !
ऐ सबा ! मुस्तफ़ा से कह देना, ग़म के मारे सलाम कहते हैं
ऐ ख़ुदा के हबीब ! प्यारे रसूल ! ये हमारा सलाम कीजे क़ुबूल
●रोज़े रखिए तो सही रमज़ान में रमजान मुबारक शायरी हिंदी में लिखी
मिटा दो जालियों पर निगाहें जमी हैं ग़ौस-उल-आ'ज़म हो, ग़ौस-उल-वरा हो नूर हो नूर-ए-सल्ले-'अला हो क्या बयाँ आप का मर्तबा हो ! दस्त-गीर और मुश्किल-कुशा हो आज दीदार अपना करा दो जालियों पर निगाहें जमी हैं फ़ासलों को ख़ुदा-रा ! मिटा दो जालियों पर निगाहें जमी हैं सुन रहे हैं वो फ़रियाद मेरी ख़ाक होगी
Although, Balaghal Ula Be Kamalehi is very fashionable naat recited by each other naat khwaan even so the way Owais Raza Qadri has offered it, is incredibly really beautiful. He merged couplets of different naats With this kalam and manufactured it a beautiful piece For each naat lover.
نعت وہ نظم ہے جو رسولِ مقبولﷺ کی شان میں کہی جائے۔ پرانے زمانے میں مثنویات کا آغاز عموماً حمد سے ہوا کرتا تھا اور حمد کے بعد مناجات کہی جاتی تھی لیکن آگے چل کر نظم نے ایک مستقل صنف سخن کی حیثیت اختیار کرلی اور پھر مثنویات میں نظم سے ہی آغاز کیا جانے لگا۔ ہماری شاعری میں اس صنف نے خوب رواج پایا۔عربی شاعری میں سب سے پہلے نعت خواں حسان بن ثابت ہیں۔اردو میں اعلیٰ حضرت امام احمد رضا خان بریلوی نے بہت سی مشہور نعتیں لکھی ہیں اور دور حاضر میں بہت سے شعراء اسلام اس صنف میں طبع آزمائی کر رہے ہیں۔
Lyrics mein bayan kiya gaya hai unki mahak, unki mehfilon ka jalwa, aur unke qadam chumne ka junoon. “Wo Shehr e Mohabbat Jahan Mustafa Hain” ek aisa safar hai, jo insaan ko unki mahabbat ka izhar karne ka jazba aur junoon mehsoos karata hai.